Indore News | इंदौर के एक Private हॉस्पिटल में एक बुजुर्ग के हार्ट वाल्व को बिना सर्जरी के बदलने में सफलता मिली है। मरीज की आठ साल पहले Bypass सर्जरी हुई थी, जिसमें माइट्रल वॉल्व (Left) भी बदला गया था। पिछले चार महीनों से बुजुर्ग को सांस लेने में Difficulty, घबराहट और थकान का सामना करना पड़ रहा था। जांच के दौरान पता चला कि वाल्व से Bleeding हो रही है।
नई तकनीक का चयन और इसके लाभ
Doctors ने मरीज को Surgery और नई तकनीक से Catheter (तार) के माध्यम से वाल्व बदलने के विकल्प दिए। मरीज के बेटे ने इस नई तकनीक के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की। इसके बाद, बाहर के Experts से सारी स्थिति समझी। फिर नई तकनीक से पिता का वाल्व बदलवाया गया। नई तकनीक से वाल्व बदलने का यह M.P. का पहला केस था। Leather वाल्व भी एक भारतीय कंपनी का ही लगाया गया है।
मप्र का पहला केस क्यों?
Bypass सर्जरी के साथ माइट्रल वाल्व भी बदला गया हो, ऐसे केस 8-10% ही होते हैं। इनमें भी वाल्व खराब होने पर Trans Mitral वाल्व रिप्लेस करने (वाल्व में वाल्व फिट करने) का यह M.P. में पहला केस है। अब तक देशभर में 300 से ज्यादा ऐसे केस हुए हैं।