Madhya Pradesh News | School में Teacher कुर्सी पर बैठकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। पहली नजर में तो सब ठीक ही दिखा। जैसे ही हमने थोड़ी पूछताछ की तो सारा माजरा सामने आ गया। कुर्सी पर बैठा शख्स दरअसल Teacher नहीं, 150 रुपए रोजाना पर रखा दिहाड़ी Labor है। इसे Teacher ने अपनी जगह बच्चों को पढ़ाने के लिए रखा है। गांव के लोगों से असली Teacher के बारे में पूछा गया तो पता चला Masterji Alcohol पीकर दिनभर सोते रहते हैं।
टीम जब Teacher मत्ते सिंह के घर पहुंची तो वह सो रहा था। उसके बेटे ने जगाया। बाहर आकर कहने लगा- मेरी तबीयत ठीक नहीं है इसलिए सो रहा था। पढ़ाने जाता हूं। आवाज लड़खड़ा रही थी और पैर डगमगा रहे थे। थोड़ी देर बाद वह गमछा लपेटे ही स्कूल पहुंच गया।
महेंद्र सिंह ने कहा, आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। Teacher मत्ते सिंह मसराम ही हैं। मैं उनकी जगह यहां पढ़ाने आता हूं। हमने पूछा- इससे आपको क्या फायदा। जवाब मिला- 150 रुपए रोज के हिसाब से मत्ते सिंह मेहनताना देते हैं।
यह हाल डिंडोरी जिले के सरकारी स्कूल का है। यहां हाल ही में प्रशासन ने शराबी Teachers की List तैयार कराई है। दो Block की List में 24 ऐसे Teachers मिले हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
स्कूल के एक कमरे में Midday Meal बना रही महिला ने बताया, ‘लकड़ी नहीं है। जुगाड़ करके लाई हूं। आज केवल दाल चावल ही पका पाऊंगी।’ जब इस बारे में Dindori के गुणवत्ता निरीक्षक आनंद मौर्य से बात तो उन्होंने बताया कि चार साल पहले ही Teacher ने Kitchen Gas के 6 हजार रुपए निकाल लिए थे। इसकी जांच करवाई जा रही है।
टीम डिंडौरी जिला मुख्यालय से 55 किमी दूर अमरपुर Block का टिकरा टोला पहुंची। यहां उन्नत प्राथमिक शाला में बच्चों को पढ़ा रहे शख्स ने अपना नाम महेंद्र सिंह परस्ते बताया। हमने कहा, यहां तो मत्ते सिंह मसराम नाम के Teacher पदस्थ हैं।
Assistant Commissioner संतोष शुक्ला ने कहा, BRC (Block Level Director) और BEO (Block Education Officer) को भेजकर मामले की जांच करवाएंगे। गांव के लोगों और बच्चों से भी बात करेंगे। यदि ऐसा हो रहा है तो सख्त कार्रवाई करेंगे।
ग्रामीण महा सिंह परस्ते ने बताया, Teacher मत्ते सिंह मसराम 1997 में गुरु जी में भर्ती हुआ था। इसके बाद शिक्षाकर्मी बना और 2015 में Teacher। आज तक यहीं पदस्थ है। हमेशा Alcohol के नशे में रहता है। गांव के बच्चों का भविष्य दिहाड़ी पर रखे Teacher महेंद्र सिंह परस्ते के हाथ में है। अगर कोई शिकायत करने अधिकारियों के पास जाता है तो Teacher मत्ते सिंह घर आकर झगड़ा करने लगता है।
Teacher बोला- तबीयत ठीक नहीं है, पढ़ाने जाता हूं। आवाज लड़खड़ा रही थी और पैर डगमगा रहे थे। थोड़ी देर बाद वह गमछा लपेटे ही स्कूल पहुंच गया।
जब Teacher मत्ते सिंह घर से बाहर आया तो गमछा पहने हुए था। उसकी शर्ट की जेब में Pen और Glasses था।
Assistant Commissioner ने BEO और BRC को हिदायत दी है कि जब भी Schools में निरीक्षण करने जाएं तो Teachers का Medical जरूर कराएं। Medical Report भी Inspection Report के साथ सबमिट करें ताकि कार्रवाई में अड़चन न आए।
Labor पर रखे Teacher महेंद्र सिंह School में Teacher की कुर्सी पर बैठकर बच्चों को पढ़ाते हुए मिला। Labor पर रखे Teacher महेंद्र सिंह School में Teacher की कुर्सी पर बैठकर बच्चों को पढ़ाते हुए मिला।
1997 से गांव में ही पदस्थ है Teacher मत्ते सिंह
महेंद्र सिंह ने बिना किसी झिझक के बताया, वो घर पर होंगे। आप एक बार मिल लिजिए।
दिहाड़ी Master को काम आया तो School बंद
उन्नत प्राथमिक शाला में 31 बच्चे पढ़ते हैं। यहां दिहाड़ी पर पढ़ाने वाले महेंद्र का कहना है कि Teacher मत्ते सिंह अकसर बीमार रहता है। इसलिए Teacher की जगह वह पढ़ाता है। जिस दिन खुद बीमार हो जाता है या कोई काम आ जाता है, उस दिन School बंद रहता है।
Medical नहीं कराया, इसलिए बच गए Alcoholic Teachers
Assistant Commissioner संतोष शुक्ला ने जिले के सरकारी Schools में पदस्थ Alcoholic Teachers की List बनाने के आदेश दिए थे। मेहदवानी और डिंडोरी Block में ऐसे 24 Alcoholic Teachers के नाम उजागर हुए। अफसरों ने इनमें से किसी का भी Medical नहीं कराया, इसलिए इन पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई। मामला Court पहुंचने पर Teachers ये कहकर बच जाते हैं कि वे Alcohol के नशे में नहीं थे।