Gwalior News | आगरा सहित यूपी के चार जिलों के Footwear, Leather, Glass, Auto Parts सहित कई अन्य सैग्मेंट कारोबारी ग्वालियर-चंबल अंचल में आने को तैयार हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि आगरा में Taj Mahal की सुरक्षा व संरक्षण के लिए बनाए गए Taj Trapezium Zone (TTZ) में Taj Mahal से 120 किमी के Area को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है।
इसकी जद में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद व एटा के बड़े इंडस्ट्रीज एरिया शामिल हो गए हैं। जहां कई उद्योग स्थापित हैं। फिरोजाबाद में तो Glass और Bangle बनाने के बड़े उद्योग हैं। अब वहां के कारोबारी ग्वालियर शिफ्ट होने की तैयारी कर रहे हैं। TTZ के कारण इन चारों जिलों में न तो पुराने उद्योगों का पर्याप्त विस्तार हो पा रहा है और न नए निवेश बड़े उद्योग के रूप में आ पा रहे हैं।
यहां के उद्योगपति नई जगह की तलाश में थे, इनकी तलाश उस समय पूरी होती नजर आई जब आगरा के उद्योगपतियों ने बुधवार को ग्वालियर में हुई Regional Industries Conclave में मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने इन लोगों की बात सुनने के बाद MPIDC के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है कि वे UP और MP के उद्योग विभाग में उद्योगपतियों की बात करें। साथ ही रिपोर्ट देकर बताएं कि MPIDC ने क्या क्या कार्रवाई की।
क्या है TT Zone
जिससे उद्योगों का विस्तार रुका सुप्रीम कोर्ट ने MC Mehta बनाम यूनियन ऑफ इंडिया प्रकरण में सुनवाई करते हुए 1992 में फैसला दिया था। जिसके अनुसार Taj Mahal के संरक्षण के लिए Taj Trapezium Zone (TTZ) बनाया गया। ये Zone 120 किलोमीटर में बनाया, जिसमें आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और एटा के इंडस्ट्रियल एरिया आते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा जिन उद्योगों से Pollution फैलता है। उन्हें बंद किया जाए या फिर वे Clean Energy Sources पर जाएं। जिसके बाद Chimney-Based कई उद्योग बंद हो गए। वहीं, 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने TT Zone में उद्योगों के विकास और विस्तार के लिए Ad-Hoc Moratorium लागू कर दिया।
इस व्यवस्था के अनुसार उद्योगों के लिए National Environmental Engineering Research Institute (NEERI) और Central Water Commission (CWC) की NOC अनिवार्य कर दी गई। इन सभी नई पाबंदियों और व्यवस्थाओं के कारण बड़े उद्योगों का विस्तार एवं स्थापना दोनों ही अटक गए हैं।
ग्वालियर में Subsidy और Road Connectivity का फायदा
मप्र सरकार निवेशकों को उद्योगों पर श्रेणीवार Subsidy दे रही है। बीते दिनों प्रदेश के उद्योगपतियों के खाते में DBT से Subsidy भेजी गई है। ग्वालियर से आगरा के लिए Greenfield Expressway का काम जल्द शुरू होगा। इससे आगरा-ग्वालियर की दूरी 88 किमी रह जाएगी। पुराने 4 लेन Highway के साथ Expressway से Road Connectivity का लाभ उद्योगों को मिलेगा। उद्योग इकाईयों को लेकर कोई सख्त गाइडलाइन नहीं है। जिससे किसी चुनौती का सामना करना पड़े। Industrial Area घनी आबादी में नहीं हैं।
निवेश की रिपोर्ट तैयार करेंगे
ग्वालियर कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री ने आगरा के उद्योगपतियों को अंचल में इंडस्ट्रीज लगाने का प्रस्ताव दिया है। साथ ही MPIDC को उनसे Coordination की जिम्मेदारी दी है। साथ ही हम निवेश को लेकर रिपोर्ट भी तैयार करके देंगे।
- हिमांशु गौतम, Manager/ MPIDC मुख्यालय भोपाल
हम इंडस्ट्री शिफ्ट करने तैयार
Taj Mahal के लिए बने TT Zone के बाद से आगरा व आसपास के 120 किमी क्षेत्र में उद्योगों चलाना मुश्किल हो गया है। हम अपनी इंडस्ट्रीज ग्वालियर अंचल शिफ्ट करने के लिए तैयार हैं। इसके लिए MP के सीएम से चर्चा हो गई है।